हिन्दी व्याकरण

पुस्तक की भाषा को छात्रों की समझ के अनुसार सहज, सरल स्वरूप में प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है।
उचित आयु-वर्ग के आधार पर पठन सामग्री को प्रस्तुत किया गया है।
छोटे बच्चे बात को आसानी से समझ सकें इसलिए आवश्यकतानुसार उर्दू,अरबी,फारसी,आंग्लभाषा आदि के आगत शब्दों का प्रयोग भी
किया गया है।
छात्र वर्ण,शब्द, भाषा को सरलता से समझ सके इसके लिए पारिभाषिक शब्दावली के साथ-साथ प्रयोगात्मक शब्दों का प्रयोग भी किया
गया है।
छोटे बच्चे गेय,तुकांत शब्दों को सरलता एवं सहज बोधगम्यता के साथ याद कर सकते हैं, अतः व्याकरण के नियमों को सरलता पूर्वक
समझाने के लिए कुछ पाठों का आरंभ छोटी-छोटी कविताओं के माध्यम से किया गया है।
अध्यापन की विषयवस्तु के साथ ही छात्रों के अभ्यास के लिए पत्रक एवं शिक्षकों के लिए टीप लेखन पत्रक भी हैं, जिनसे अध्यापन के
साथ ही त्वरित मूल्यांकन भी सरलता से किया जा सकेगा।
बाल मनोविज्ञान के आधार पर वर्णाें एवं चित्रों में चटकीले रंगों का प्रयोग किया गया है ताकि छात्र रुचि पूर्वक अध्ययन कर सकें एवं
तथ्य को भलीभांति समझ सके।
अभ्यास पत्रक संक्षिप्त रूप में बनाए गए हैं,ताकि छात्र निर्धारित समयावधि में रुचि पूर्वक उत्तर लिख सकें। 
वर्तमान समय में बोलचाल की भाषा में आंग्लभाषा के शब्दों का प्रयोग अधिकता से किया जा रहा है, फलस्वरूप छात्रों को हिन्दी भाषा
के शब्दों का पर्याप्त ज्ञान नहीं है। हिन्दी भाषा के कुछ नवीन शब्दों के भंडार में अभिवृद्वि के लिए प्रयास किया गया है  जिसका लाभ
छात्र ले पाएँगे एवं कुशलता पूर्वक प्रभावी लेखन कर सकेंगे। 
राजभाषा के प्रति आदरांजलि समर्पित करते हुए आरंभ में ‘शपथ’ एवं अंत में ‘हिन्दी सप्ताह’ के लिए भाषा गीत भी लिखा गया है।